लेखक की कलम
एक लेखक साहित्यकार की आत्मा समाज और राष्ट्र के लिए सदैव समर्पित होती है। वह समाज के दुःख-दर्द से प्रभावित होता है। संवेदनशील होता है । मुझे बेहतरीन काव्य पढ़ने का शौक रहा है। शैक्षिक आलेख लिखने की प्रेरणा मेरे बड़े भ्राता शिक्षाविद् श्री मालीराम वर्मा जी से मिली है । प्रारंभ में शैक्षिक आलेख शिविरा पत्रिका, बोर्ड जर्नल, शिक्षक टुडे में लिखना प्रारंभ किया। मेरे आलेख रचनाएं धीरे-धीरे शैक्षिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। उसके बाद मैंने कविताएं लिखना प्रारंभ किया। समाज में अंधविश्वास और अज्ञानता का अंधेरा मानवीय मूल्यों को तार-तार कर रहा हैं। मैंने फेसबुक पर जन-जन में नव चेतना के लिए कविताएं , कहानी, संस्मरण , आलेख लिखना प्रारंभ किया और धीरे-धीरे मैं विभिन्न साहित्यिक मंचों से जुड़ गया। मंच एडमिन, अध्यक्ष और सलाहकार के रूप में कार्य कर रहा हूँ।